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नैनसिद्धांतसंग्रह। शिवमुख पूरणहार कल्पतरु यही हमारे ॥९॥ वादिरानं मुनिराज शब्दविद्याके स्वामी। वादिरान मुनिरान तर्कविद्यापति नामी । वादिराज मुनिरान काव्य करता अधिकारी । बादिरानं मुनिराज बड़े भविनन उपकारी ॥१६॥ दोहा-मूल अर्थ बहुविधि कुमुम, भाषा सत्र मंझार ॥ ::
भक्तिमाल भूधर करी, करो कण्ठ मुखकार ॥१॥. .:
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(२४) नामावली स्तोत्र :
नय विनंद सुखकंद नमस्ते । जय निनंद जित फंद नमस्ते । बय निनंद वरवोष नमस्खे | वय निनंद बित क्रो नमरते ॥१॥ पाप ताप हर इन्दु नमस्ते । अहं वरन जुत विन्दु नमस्खे ॥ शिष्टाचार विशिष्ट नमस्ते । इष्ट मिष्ट उतरुट नमस्ते ॥ ॥ पर्म धर्म वर शर्म नमस्ते । मर्म मर्म धन धर्म नमस्ते ।। इगविशाल वर माल नमस्ते । हद दयाल गुनमाल नमस्ते ॥शा शुद्धबुद्ध अविरुद्ध नमस्ते । सिद्धिसिद्धि पर पद्ध नमस्ते॥ वीतराग विज्ञान नमस्ते । चिद्विलास धृत ध्यान नमस्ते स्व च्छं गुणांबुधि रल नमस्ते । सत्व हितकर यल नमस्ते । कुनयकरी मृगराज नमस्ते । मिथ्या खगवर बान नमस्ते ॥ ५॥ भन्य भवोदधि पार नमस्ते । शर्मामृत सित सार.. नमस्ते । दरखचान मुखवीर्य नमस्ते । चतुरानन घर धीर्य नमस्ते वा हरिहर ब्रह्मां विष्णु नमस्ते । मोह मई मनु निष्णु नमस्ते । महा दान महमोग नमस्ते। महां ज्ञान मह.नोग नमस्ते ॥ 6.महार न मां
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