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जैन सिद्धान्त दीपिका लेण्या-पुद्गन द्रव्य के सहयोग से होने वाला जीव का संक्लिष्ट नथा अमं क्लिप्ट विचार
लेण्या
वर्ण
| गन्ध
| स्पर्श
कृष्ण | काजल के समान | नीम से बनन्त काला | गुण कटु
मृत सर्प की | गाय की नील | नीलम के समान | सोंठ से अनंत
गंध से अनंत जीभ से नीला I गुण तीक्ष्ण
गुण अनिष्ट अनंन गुण कापोत कबूतर के गले के | कच्चे आम के | गन्ध फर्कण समान रंग रस से अनंत
गुण तिक्त
पप
तेजः | हिंगूल-सिंदूर पके माम के के समान रक्त रस से अनंत
गुण मधुर
सुरभि-कुमुम| नवनीत हल्दी के समान | मधु से अनंत | की गंध से | मक्खन से पीला | गुण मिष्ट | वनंतगुण अनंतगुण
इष्ट गंध | सुकुमार शंख के समान मिसरी से सफेद अनंत गुण
मिष्ट वेदना-जीवों को होनेवाला दुःख । वेवाभाव-उदय में बाने वाले कर्म-पुद्गलों का अभाव