SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 562
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ S ५५४ 2 जैन महाभारत दिया । 7 1 भयंकर संग्राम छिड गया । श्रर्जुन तीक्षण वाणों का प्रहार कर रहा था और द्रोण उसके बाणों को तोड़ जा रहे थे 1 तब, कुपित होकर अर्जुन ने पैतरा बदल कर वाण चलाने आरम्भ करें दिए । एक दो बाण द्रोण को चोट पहुंचाने में सफल हुए तो उन्हें भो क्रोध आया और कुपित होकर ऐसे बाण चलाये कि अर्जुन तथा श्री कृष्ण दोनों ही घायल हो गए इस से कृपित होकर अर्जुन गाण्डीव पर बाण चला ही रहा था कि द्रोण ने उसके धनुष की डोरी काट डाली । और फिर मुस्करा कर आचार्य ने उसके घोडो रथ और उसके चारो ओर वाणो की वर्षा कर दी। अर्जुन ने दूसरा धनुष लेकर बाण चलाये और श्राचार्य पर हावी होने की इच्छा से तीक्ष्ण बाण चलाने प्रारम्भ कर दिए । " f परन्तु द्रोण भी उसी प्रकार अर्जुन का मुकावला करने लगे । फिर क्या था बे रोक बाणो से उन्होने अर्जुन को घने अंधकार मे डाल दिया । यह देखकर वासुदेव अर्जुन से बोले - शस्त्र विद्या में पारगंत द्रोण से ही जूझते रहे तो यही शाम हो जायेगी । अब देरि करना ठीक नहीं कहो तो द्रोण को यही छोड़ कर रथ आगे बडा दूं । आचार्य थकने वाले नही है अर्जुन ने स्वीकृति दे दी, तब श्री कृष्ण ने बडी कुशलता से आचार्य की बाई ओर से रथ हांक दिया और आगे निकल गए । यह देख द्रोण ने कहा- "पार्थ ! तुम तो शत्रु को परास्त किए बिना आगे बढते ही न थ 'ग्राज कैसे निकले जा रहे हो ?" ( ❤ 1 अर्जुन ने मुस्कराकर कहा - " आप कही शत्र थोड े ही है,' श्राप तो गुरु देव हैं। भला श्राप को हराने की क्षमता मुझ मे कहाँ ? मैं तो श्रापका शिष्य हूं पुत्र के समान । थाप को परास्त करने की समता भला ससार मे किस रण बांकुरे में हो सकती है t 1 י " " यह कहता हुन आगे बढ़ गया। श्री कृष्ण घोडो को तेजी से दौड़ा रहे थ। द्रोण के सामने से हट कर अर्जुन का रथ कौरव सेना की ओर चली । सेक i अर्जुन जाते ही भोजों की सेना पर टूट पड़ा। कृत वर्मा और सुदक्षिण पर उसने एक साथ ही आक्रमण कर दिया और उन दोनो
SR No.010302
Book TitleShukl Jain Mahabharat 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShuklchand Maharaj
PublisherKashiram Smruti Granthmala Delhi
Publication Year
Total Pages621
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy