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मृत्यु का रहस्य
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___ धर्मराज युधिष्ठिर ने तुरन्त पितामह के चरणो मे सिर रख दिया, स्वार्थ पूर्ति कर देने के कारण आभार प्रदर्शन के लिए नही, वरन इतने उच्च आदर्श के कारण ही।
इस के उपरान्त ही कुछ और बाते हुई। पितामह ने अर्जुन के रण कौशल की प्रशसा की और इरावान के मारे जाने पर दुख प्रकट किया। धर्मराज ने उनके कौशल की प्रशसा की और अन्त मे प्रणाम करके वापिस चले आये।