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जैन महाभारत
थे प्रयोग किए जाने लगे। पर दोनो मे से किसी एक ने भी पीछे पैर न हटाया।
__ महारथी चेकितान सुशर्मा पर चढ़ आया। परन्तु सुशर्मा ने भीषण वाण वर्षा द्वारा उसे आगे बढ़ने से रोक दिया। तब क्रुद्ध होकर चेकितान ने अपने वाणो की वर्षा से सुशर्मा को ढाक दिया। और सुशर्मा ने उसके बाणो को तोड कर उस पर आक्रमण करना प्रारम्भ कर दिया। दोनो एक दूसरे को पराजित करने के विचार से जी तोड कर लडने लगे। शकुनि ने पराक्रमी प्रतिविन्ध्य को घेर लिया। परन्तु युधिष्ठिर पुत्र प्रतिविन्ध्य ने अपने कौशल से शकुनि के घेरे को छिन्न-भिन्न कर डाला। पुत्र श्रुत कर्मा ने काम्बोज मह, । "ण पर दावा
सुदक्षिण ने उसे अपने पै.' व डाला। युद्ध से डिगा नही ।
। भर कर ।' को विदीर्ण सा कर
छ करने