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* इक्कतीसा परिच्छेद *
आशीर्वाद प्राप्ति
यह महाभारत की कथाप्रो मे एक महत्व पूर्ण घटना है। जो हमे यह समझने पर विवश कर देती है कि महाभारत युग मे भारत वासियों का चरित्र कितना उच्च था। क्या इस घटना की पुनरावृत्ति आज के युग मे सम्भव है?
कदाचित आप का उत्तर होगा कि-"नहीं।"
हा वास्तव मे महाभारत की इस घटना की पुनरावृत्ति फिर कभी नही हुई।-और न कदाचित होगी ही।
-तो जिस घटना का हम उल्लेख करने जा रहे हैं वह उस समर भूमि मे घटो जिस मे कौरवो और पाण्डवो की सेनाए ससार को प्रमुख विश्व युद्ध लड़ने को प्रामने सामने तैयार खड़ी थी। भयकर सहारक अस्त्र दोनो दलो के पास थे और पृथ्वी पर उन दिनो विद्यमान समस्त योद्धा और शूरवीर किसी न किसी ओर अपना स्थान ग्रहण किए हुए थे। उन दिनो वर्तमान युग की भाति घाख का युद्ध नहीं होता था, उन दिनो वल तथा बुद्धि, बाहुवल तथा आत्मवल दोनो का मुकावला होता था। विज्ञान का अपना एक स्थान था, कितने ही वैज्ञानिक अस्त्र महाभारत में प्रयोग हुए थे।