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द्वारिकापुरी की स्थापना
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श्री कृष्ण के लिए इक्कीस खण्ड (मंजिल) का महल बनाया गया और अठारह खण्ड का सर्वतोभद्र नामक प्रासाद बलराम के लिए।
द्वारिका जब बस गई तो राज्याभिषेक करके श्री कृष्ण को उस क्षेत्र के नरेश के रूप से सिंहासन पर बैठा दिया गया। और श्री कृष्ण ने नगरी के सभी लोगों को प्रिय, भ्रातृत्व और परस्पर सहयोग की शिक्षा दी। तदुपरान्त श्रीकृष्ण बलगम और समुद्रविजय व वसुदेव ने मिल कर जरासंध के विरुद्ध सुव्यवस्थित रूप से युद्ध चलाने की योजना बनाई, युद्ध सम्बन्धी साधन एकत्रित किए।