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________________ कायोत्सर्ग प्रथम आरोह द्वितीय आरोह तृतीय आरोह कायोत्सर्ग की प्रक्रिया जप ३ प्रथम आरोह द्वितीय आरोह तृतीय आरोह अभ्यासक्रम : 9: अभ्यास का परिपूर्ण क्रम प्रथम भूमिका 9. पहले खिचाव, फिर शिथिलीकरण । २ सिर से पैर तक शिथिलता का संकल्प । ३. चितन और ममत्व का विजर्सन | ४. प्राण का दीर्घीकरण व सूक्ष्मीकरण । कायोत्सर्ग मे शारीरिक वृत्तियो के शिथिल होने पर भेदज्ञान का अनुभव - शरीर से आत्मा को पृथक् अनुभव करना चाहिए । द्वितीय भूमिका सुप्त कायोत्सर्ग स्थित कायोत्सर्ग उत्थित कायोत्सर्ग वाचिक जप उपाशु जप मानसिक जप दीर्घोच्चारण सूक्ष्मोच्चारण अनुच्चारण मनोनुशासनम् / १६३
SR No.010300
Book TitleManonushasanam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year1998
Total Pages237
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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