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रंगों का मन पर प्रभाव
काला रग मनुष्य मे असयम, हिसा और क्रूरता का विचार उत्पन्न करता है ।
नीला रग मनुष्य मे ईर्ष्या, असहिष्णुता, रस- लोलुपता और आसक्ति का भाव उत्पन्न करता है ।
कापोत रग मनुष्य मे वक्रता, कुटिलता और दृष्टिकोण का विपर्यास उत्पन्न करता है।
अरुण रग मनुष्य मे ऋजुता, विनम्रता और धर्म-प्रेम उत्पन्न करता
है ।
पीला रंग मनुष्य मे शान्ति, क्रोध - मान-माया और लोभ की अल्पता व इन्द्रिय-विजय का भाव उत्पन्न करता है ।
सफेद रंग मनुष्य मे गहरी शान्ति और जितेन्द्रियता का भाव उत्पन्न करता है ।
मानसिक विचारो के रंगो के विषय मे एक दूसरा वर्गीकरण भी मिलता है, जिसका प्रथम वर्गीकरण के साथ पूर्ण सामजस्य नही है । यह इस प्रकार है :
विचार
भक्ति विषयक
कामोद्वेग विपयक
तर्क-वितर्क विषयक
रंग
आसमानी
लाल
पीला
गुलाबी
प्रेम विषयक
स्वार्थ विपयक
हरा
क्रोध विषयक
लाल - काले रंग का मिश्रण
इन दोनो वर्गीकरणो के तुलनात्मक अध्ययन से ऐसा प्रतीत होता है कि प्रत्येक रंग दो प्रकार का होता है
१. प्रशस्त
२. अप्रशस्त
कृष्ण, नील और कापोत- अप्रशस्त कोटि के ये तीनो रग मनुष्य के विचारो पर बुरा प्रभाव डालते है तथा अरुण, पीला और सफेद - प्रशस्त कोटि के ये तीनो रंग मनुष्य के विचारो पर अच्छा प्रभाव
मनोनुशासनम् / ११६