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१७ जननाहित्यका निताग नपणा नागा नो रिकार) पत परिमाणिनी १९. (और पन्द्रहवा अद्धापग्मिाण निभा नामक far ___ गुणागाचार्यन म नी ' माटि गामा पूर्वा दाग पान अधिकागो गणित निगा : नामो गायना पेज लोग पिहनी दिदि अण भागे ग बगिंगेग। नाही नागराग गागगे पंज्जदोग विह सी, टिछाद, मण माग र न मारनामा गीत गाम गिरता है । उगम यह स्पष्ट नही हातापागा. पान मागेगी जीन अधिकार किम नाम वाला है। इसीगे नर्ग गांरभ र गागागंग गमका अनुगरण करते हुए भी उगो मारा गात गारा निर्देश करते है और वेदा अधिकारके उदय और उदीग्णा से भेद मारी गगामी पति करते है।
ता गुणानार्गने नगमागमनभि और लधिको तेरहवां और नौदह्वा अधिकार गाना है। शिन्तु गनियमभने नगमाया लशको तो स्वतन्त्र अधिकार माना है परन्तु गागामें आये तर राजमें पाको उपनामना और आपणाके माय जोड दिया है और न वह उन्होंने गयम लगि नामक अधिकारको नहीं माना। रा तरह जो एक नया गीह उसकी पति उन्होंने अटापरिमाण निर्देशको पन्द्रहवां अधिकार मानार को है।
पिन दो नाधाओम पन्द्रह अधिकारीका नाम निर्देश है, उनका अन्तिम पद तापरिमाणपिनो' है। उत्तने गुट हावार्योंके मतानुसार वा परिमाणनिदा नामका पन्द्रह अधिकार है। परन जिन एक नौ स्नी गायामाम पर अधिकारोगा वर्णन करनेकी प्रतिज्ञा की है उनमे अद्धापरिमाण निदेय करने वाली दगाधाएँ नही आई है। तया पन्द्रह विकागें गायागेशविनाग ले हुए न प्रकारको कोई सूचना भी नहीं की गई है। इसने प्रतीत होता है कि
राना सहापरिमाण निर्देश नाम पन्द्रहवां धिकार इष्ट नहीं था। भन्नु पनि भने उसे एक स्वता अधिकार माना है। हसरणहमने उक्त विकार निर्देगर निनोको गन्ने रखर
'मन्न गतिवान सम्स्त चन्तुिगेके दोनपत चन्ना है कि हे एक पन्ह अधिकारीका निर्देश करते भी नै निी रचना
की
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