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चतुनिकाय देव
माचारदिनकर (उदय ३३, पन्ना १५५) में सौधर्मेन्द्र पौर ईशानेन्द्र का स्वरूप निम्न प्रकार बताया गया हैसौधर्मेन्द्र
ईशानेन्द्र वर्ण काञ्चनवर्ण श्वेतवर्ण भुजाएं चतुर्भुज
चतुर्भुज वाहन गजवाहन
वृषभवाहन वस्त्र
पंचवर्णवस्त्राभरण : नीललोहितवस्त्र, जटाधारी मायुध दो हाथ अंजलिबद्ध दा हाथ मंजलिबद्ध
एक हाथ अभयमुद्रा में एक हाथ में शूल एक हाथ में वज एक हाथ में चाप
__ पद्मा, शिवा, सुलसा, शची, अंजु, कालिंदी, श्यामा और भानु, ये आठ सौधर्मेन्द्र की अग्रदेवियां और श्रीमती, सुसीमा, वसुमित्रा, वसुन्धरा, ध्रुवसेना, जयसेना, सुषेणा और प्रभावती ये अाठ ईशानेन्द्र को अग्रदेवियां बतायी गयी हैं।
तिलोयपण्णत्ती, जंबू दीपपण्णत्तिसंगहो और त्रिलोकसार के अनुसार सोलह स्वर्गों के इन्द्रों के वाहन, प्रायुध और मौनिचिह्न का विवरण नीचे दिया जा रहा है -
वाहन __ प्रायुध मोलिचिह्न
जंबू० तिलोय. त्रिलो० १. सौधर्मेन्द्र गज गज गज वज्र शूकर २. ईशानेन्द्र वृषभ गज अश्व त्रिशूल मृग ३. सनत्कुमारेन्द्र सिंह सिह सिंह तलवार महिष ४. माहेन्द्रेन्द्र अश्व अश्व वषभ परशु मत्स्य
१. जबूदोपपण्णात्तसगहा, ११/२५७ २. वही, ११/३१३ ३. ५/८५-८७ ४. ५/६३ आदि ५. गाथा ४८६, ४८७, ९७४, ९७५