________________
तालमान
ठक्कर फेर ने कायोत्सर्ग प्रतिमा को नवताल अर्थात् १०८ अंगल की बताया है। उन्होंने ऊध्वं (कायोत्सर्ग) प्रतिमा के अंगविभाग के ग्यारह स्थान बतलाये हैं जो निम्न प्रकार हैं:
ललाट ४ अंगुल नासिका ५ अंगुल वचन (मुख) ४ अंगुल ग्रीवा ३ अंगुल हृदय १२ अंगुल नाभि १२ अंगुल गुह्य १२ अंगुल जंघा .४ अंगुल जानु ४ अंगुल पिण्डी २४ अंगुल चरण ४ अंगुल
योग १०८ अंगुल =६ ताल'
ठक्कर फेरु द्वारा दिये गये अन्य विवरण ये हैं :'
कानों के अंतराल में मुख का विस्तार १४ अंगुल गले का विस्तार
१० अंगुल छाती प्रदेश
३६ अंगुल कटि प्रदेश का विस्तार
१६ अंगुल शरीर की मोटाई
१६ अंगुल कान का उदय
१० भाग
१. वास्तुसारप्रकरण, २१५ २. वही, २।६-७। पाठान्तरमें ललाट, नासिका, वचन, स्तनसूत्र, नाभि, गुह्य, उरु, जानु, जंघा और चरण, ये दस स्थान क्रमशः:
४,५,४,१३,१४,१२,२४,४,२४,४ अंगुल प्रमाण बताये गये हैं। ३. वास्तुसारप्रकरण, २।६-२५