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दिग्वत - गुणवत का एक अंग ; परिग्रह - परिमाण व्रत की रक्षा के लिए व्यापार क्षेत्र ।
दीक्षा - भावसत्र ; अंतरंग सदावर्त; प्रव्रज्या ; वैराग्य की उत्तम भूमिकाओ में प्रवेश की अनुमति ।
दीक्षा गुरु- दीक्षा देने वाले आचार्य ।
दीक्षा दान - दीक्षा देने की क्रिया ।
दीन- धर्म, अर्थ और काम सेवन की क्षमता विहीन पुरुष । दुर्गति - नरक और तिर्यंच गति ।
दुर्नय - स्वय की बात पर अडे रहना ; विरोधी धर्म की अपेक्षा को अस्वीकार करने वाली केवल स्वमत पकडने वाली दृष्टि |
दुपक्व आहार - भोगोपभोग परिमाणन्त्रत का एक अतिचार ; ठीक से न पका आहार ।
दुःषम - दुषमा - कालचक्र का एक विभाग ; काल - मीमाइक्कीस हजार वर्ष ।
दुःषम- सुषमा --- कालचक्र का एक विभाग । समय-सीमा - वयालीस हजार वर्षो से कम एक कोटाकोटि सागर ।
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