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औ
औत्पत्तिकी बुद्धि-प्रकृष्ट बुद्धि । हाजिर जवाब । औदयिक भाव-कर्म के उदय से उत्पन्न भाव । औदारिक-मनुष्य और पशुओ का स्थूल शरीर । औद्देशिक-देखें-उद्दिष्ट । औपपातिक तात्कालिक उत्पन्न , देव नारक आदि के शरीर । औपशमिक-चारित्र-समस्त मोहनीय के उदय से उत्पन्न होने
वाला चारित्र । औपशमिक सम्यक्त्व-मिथ्यात्व आदि के उपशम से प्रकट
होने वाला सम्यक्त्व ।
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