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जुगति-बाण की तरह सीधी-सरल गति । ऋजुप्राश-सरल और समझदार । जुमति-मनः पर्याय ज्ञान का एक अंग, दूसरे के मनोगत ___ भावो का सरलता से ज्ञान ।। जुसूत्र नय-वर्तमान का ग्राही, भूत भविष्य का ग्रहण न
कर केवल वर्तमान पर्याय/परिवेश को ही पूर्ण द्रव्य
स्वीकार करने वाला दृष्टिकोण । ऋतु-संवत्सर-काल-प्रमाण, पूरे तीन सौ साठ दिन का वर्प । ऋद्धि-चमत्कारी शक्तियाँ। ऋद्धिगारव-ऋद्धि का गौरव । ऋषभ-नाराय-कीलिका रहित संहनन । ऋषि-ऋद्धि-सिद्धि सम्पन्न साधु ।
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