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अप्रमत्त-संयम-सातवा गुणस्थान, माधक की प्रमाद-रहित
भूमिका। अप्रमाद-आत्म-जागरूकता । अप्रशस्त-ध्यान-अशुभ-ध्यान । अप्रशस्त-निदान-पर भव के लिए अशुभ संकल्प । अप्रामाण्य-यथार्थता का अभाव । अप्राप्यकारी-चक्षु और मन से प्राप्त होने वाला ज्ञान । अवन्ध-वन्धन-मुक्त अयोगी जिन । अभक्ष्य-धर्माराधना एवं स्वास्थ्य में वाधक अखाद्य आहार । अभयदान-प्राणिमात्र के लिए जीवनदान । अभव्य-ससार-मुक्ति के लिए अयोग्य जीव । अभाव-एक वस्तु में दूसरे वस्तु की अविद्यमानता । अभिग्रह-साधुओं का आचार-विशेष , प्रत्याख्यान का एक
अग, प्रतिज्ञा। अभिज्ञा-प्रत्यभिज्ञान , उपस्थित वस्तु-विशेष से सम्बद्ध पूर्व
स्मृति का साक्षात्कार । अभिधान-१ व्याख्या योग्य सूत्र २. बोधमूलक सूत्र । अभिधेय-प्रतिपाद्य-विषय ।
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