________________ हरि-अरिहन्त ; प्राणियो के दुखो का हरण करने वाला। हिंसा-जीववध ; प्राणातिपात ; रागादि की उत्पत्ति ; अयतनाचार रूप प्रमाद / / हिसादान-प्राणी-पीडाकारी या वधकारी उपकरण का विनिमय / हुण्डकसंस्थान-कर्म-विशेष ; अंगोपागो को विरूप/वेडौल करने वाला कर्म / हेतु-कारण ; निमित्त ; अनुमान का साधन ; प्रमाण / हेतुवाद-तर्कवाद ; युक्तिवाद ; हेतु का प्रतिपादन / होता-अध्यात्म-वह्नि में कर्म रूप हव्य-सामग्री का होम करने वाला; अध्यात्म-साधक / [ 141 ]