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होना ; समान लिंग वाले एकार्थवाची शब्दों में भी
अर्थभेद स्वीकार करने वाला दृष्टिकोण । समय-काल का वह अंश जिसका विभाग नही किया जा
सकता ; जीव; चेतन्य-स्वभाव ; आत्मा; धर्म या
मत। समयसार-विकल्प-मुक्त आत्म-स्वभाव । समाचार-आचार-दर्शन; अतिचार-रहित आचरण । समाचारी-आचारपरक अनुशासन ; साधु की आचार-संहिता। समाधि-अन्तरंगीय स्वास्थ्य का सेवन ; स्थिति ; निर्विकल्प
ध्यान । समाधिमरण-आत्म-साधना के साथ शान्तिपूर्वक देह का
विसर्जन। समारम्भ-दूसरो को सन्ताप पहुंचाने वाला व्यापार ; हिसा
का आचरण । समिति-यतनाचारपूर्वक प्रवृत्ति । समुदय-अनन्त संघातों का प्रचय । समुद्घात-कर्म-निर्जरा विशेष ; आत्म-प्रदेशो का विस्तार ;
मूल शरीर को त्याग किये बिना जीव के प्रदेशों का बाहर निकलना।
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