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अत्यन्ताभाव-किसी भाव या वस्तु-विशेष का मूलतः अभाव । अदत्त-क्रिया-चोरी की प्रवृत्ति । अदत्त-ग्रहण-विना अनुमति के वस्तु-ग्रहण । अदत्तादान-पराई वस्तु को अधिकृत करना । अदर्शन-वस्तु-बोध का अभाव ; तत्त्व-श्रद्धान का अभाव । अदर्शन-परीषह-दर्शन-विशुद्धि के लिए संकल्प-विकल्प न
करना। अधर्म-द्रव्य-जीव तथा पुद्गल की स्थिति में सहायक एक
अमूर्त-तत्त्व। अधः कर्म-हिंसामूलक प्रवृत्ति कार्यवाही; साधु के लिये
बनाया गया आहार । अधिकरण -पापजनक क्रिया, हिंसा का उपकरण । अधिगम--प्रमाण और नय के माध्यम से पदार्थों का ज्ञान या अधिगमज-परोपदेश से तत्त्व-श्रद्धा का प्रादुर्भाव । अधोलोक-पुरुषाकार लोक में कटिप्रदेश का अधोवर्ती भाग। अध्यवसान-पदार्थ निश्चय । अध्यवसाय-रागात्मक संकल्प-बुद्धि । अध्यात्म-आत्मा की स्वच्छता/विशुद्धता का अनुष्ठान । अध्यारोप-निराधार कल्पना ।