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शिक्षाव्रत - श्रमण-धर्म के अभ्यास में हेतु रूप सामायिक आदि
चार व्रत ।
शिव - स्वस्तिकर अविनश्वर मुक्ति-पद ।
शिष्टि - गण को शिक्षा ।
शीत - परीषह - शीत लहर का कष्ट को सहन करना ।
शील - सदाचार ; ब्रह्मचर्य व्रतों की रक्षा |
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शीलव्रत - श्रावक के पॉच अणुव्रतों के रक्षक तीन गुणव्रत और
चार शिक्षाव्रत ।
शुक्ललेश्या - मन, वचन, काया की निश्छल निर्मल प्रवृत्ति, कदाग्रह-मुक्ति |
शुचि - मनोशुद्धि ; पवित्रता ।
शुद्ध - शुभाशुभ भाव-धारा से मुक्त,
पवित्रता ।
शुद्धोपयोग - शुभाशुभ भावों से निरपेक्ष आत्मा के शुद्ध स्वभाव में अवस्थिति ; साम्यभाव ।
शून्यवर्गणा - परमाणु-रहित वर्गणा ।
शैक्ष - श्रुतज्ञान एवं व्रत- भावना में तत्पर साधु ।
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