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वचनगुप्ति-अनर्गल वचन की प्रवृत्ति का गोपन । वत्सलता-प्राणी मात्र से स्नेह ; मातृवत् वात्सल्य । वध-परीषह-घातक प्रहारो से होने वाली शरीर की नश्वरता
का स्वागत । वनस्पतिकायिक-वनस्पति, पेड़-पौधे । वन्दना-तीर्थ कर, तीर्थ कर-प्रतिमा, गुरु, गुरु-प्रतिमा या
___सम्मान्य व्यक्ति को किया जाने वाला नमस्कार । वयास्थविर-सत्तर वर्ष से अधिक आयु सम्पन्न साधु । वर्गणा-सजातीय समूह । वर्तना-पदार्थों की कालाश्रित वृत्ति ; परिवर्तन ; ज्ञात सूत्री
की पुनरावृत्ति । वर्षावास-वर्षा ऋतु में साधु का चार महीनो के लिए किसी एक स्थान पर रुकना ; चातुर्मास-प्रवास ।
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