________________
यति-मुनि का उपनाम ; संयम एवं ध्यान-योग में यत्नशील । यथाख्याति चारित्र-आत्म-स्वभाव में स्थिति ; कषाय की
निमलता। यम-जीवन-भर के लिए स्वीकार किया जाने वाला धार्मिक
नियम। यव-आठ जुओ का एक माप विशेष ; आठ सरसों के बराबर
का एक यव । याचना-परिषह-साधु द्वारा आहार-चर्या में आने वाले कष्टी
को सहन करना। युग-पाँच वर्षों के बराबर का काल | युगसंवत्सर-युग का पूरक वर्प । युति-संयोग ; जीवादि द्रव्यो का मिलाप । यका-आठ लीखो के बरावर का माप ।
[ १०३ ]