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जैन परम्परा का इतिहास नंदो सूत्र में आगमों की सूची इस प्रकार है :
आगम
अग प्रविष्ट
अग बाहिर (अनंग प्रविष्ट)
आवश्यक
आवश्यक-व्यतिरिक्त
आचारांग, सूत्रकृतांग, स्थानांग, समवायांग, विवाहप्राप्ति, ज्ञातृधर्मकया, उपासकदशा, अन्तकृदृशा, अनुत्तरोपपातिकदशा, प्रश्नव्याकरण, विपाक, दृष्टिवाद ।
सामायक, चतुर्विशतिस्तव, वन्दना, प्रतिक्रमण, कायोत्सर्ग, प्रत्याख्यान
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कालिक
उत्कालिक
उत्तराध्ययन, दशाश्रुत-स्कन्ध, कल्प, व्यवहार, निशीथ, महानिशीथ, ऋपिभापित, जम्बू द्वीप प्रज्ञप्ति, दीप सागर प्रज्ञप्ति, चन्द्र प्रनप्ति, क्षुल्लिका विमान प्रविभक्ति, महल्लिका विमान. प्रविभक्ति, अगचूलिका, वगचूलिका, विवाहचूलिका, अरुणोवपात, वरुणोवपात, गरुलोवपात, घरणोवपात, वेसमणोवपात, वेलघरोवपात, देविंदोवपात, उत्यानश्रुत, समुत्थान श्रुत, नागपरियापनिका, निरयावलिका, कल्पिका, कल्पवतसिका, पुष्पिका, पुष्पचूलिका, वृष्णिदशा, आशीविषभावना, दृष्टिविषभावना चारण-भावना, महास्वप्न-भावना, तेजोनिनिसर्ग ।
दशवकालिक, कल्पिकाकल्पिक, चुल्लकल्प श्रुत, महाकल्प श्रुत,