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दयासागर नेमिनाथ । [१६७. जो शूरवीर मत्त हाथियों के गर्वित मस्तकको विदीर्ण करने में समर्थ होते हैं, जो वीर योद्धा विकराल गर्जना करने वाले भयंकर केशर:सिंहसे युद्ध कर लेते हैं, जो विक्रमशःली भयानक युद्ध भूमिमें प्रबल शत्रुके मस्तकको झुका देते हैं. वही वीर योद्धा, वही विक्रमशाली सैनिक वनिता-कटाक्षके साम्इने अग्नेको स्थिर नहीं रख सकते । महान ज्ञानी और ताम्वी उसके मदोन्मत्त यौवनके साम्इने अपना सारा ज्ञान और विवेक खो देते हैं।
कुमार नेमिनाथको अपनी शक्ति का बड़ा महंकार है तब मुझे उनकी इस शक्तिका दमन करने के लिए भी यही करना होगा। उनकी शक्तिके मुकाबलेमें महिला शक्तिको रखना होगा, लेकिन इस कार्यके लिए मुझे महिलाओं को सहायता लेना होगी। अच्छा सच यही होगा। बहुत कुछ सोचने के बाद वे अपनी रानियों के पास पहुंचे और उनसे कुमार नेमिनाथके हृदयमें विवाह संबंधी भावनः भागके लिए कहा।
श्रीकृष्णजीके आदेशानुसार वे सभी सुन्दरी महिलाएं कुमार नेमिनाथको मनोहर बगीच में लेगई बगीचमें एक सुन्दर सरोवर था वहां पर वे श्रीकृष्णजीकी सभी गनिए नेमिकुमारके साथ जल कोड़ा करने लगी। ___जल क्रीड़ा काते हुए उनके हृदयमें अपनी उद्देश्य पूर्तिका ही ध्यान था। इसलिए उन्होंने जल क्रीड़ाके साथ २ कुछ विनोद करना भी प्रारंभ किया। नेमिकुमार विकार रहित सरल भावसे उनके इस विनोदमें भाग लेने लगे।
उन सभी महिलाओं में से एक अत्यंत विनोदिनी महिला उनकी