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गणगज गौतम .
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रहस्यसे विमुम्ब रियाज्ञान मक्त गौ-. Dr HIT : मोक्षलक्ष्मीका महापात्र - सा । धन्य : ।। . पष्ट और धन्य भह मनोनी सोमा
पाखंडों का धंय कानेवाली, मिना यादियों की मद्रविमर्द और सत्यार्थ धर्मका इम्य दध 'टत नेताली मात्र न ड वर' वाणी का प्रकाश हा। उनका दियव निदा तस्व. पंन मनाय, नक पदाये, हा के जव, छड लेदया ननियों के
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कतिको कृष्ण अमाव-2 की जानी राय थी, ., मय कुछ तारे झिममिल हो रहे थे, म कामना गुनास, मंद पाने के लिए रात्रिको क्षीण चादरें छिग हुअा मुमकुम ! ५, अन्वतम कुछ समयमें ही अपने साम्राज्यमे हाथ धानको शा. प्रभात होने में