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सुकुमार सुकुमाल ।
[२७५ भयभीत कर देने वाले मि के पंजोंसे खेलना आश्चर्यजनक अवश्य है। अरुण नेत्रों वाले काले नागको नचाने में भी बहादुरी है किन्तु यह सब भाले संसारको बहकान के साधन है । कोई भी व्यक्ति इनसे अ. संतोष प्राप्त नहीं कर सकता। वह वीरता और चतुर्थ स्थायी विजय प्राप्त नहीं करता । ब? बड़े महादुर्गेपर विजय प्राप्त करनेवाले बादा ह भी अनमें इस दुनिया में विजिल होकर गये है, हां ! अपने आप पा विजय पाना वास्तविक वीरता है। प्रलोभनोंकी घुडदौडमें ॐ गं बहनेकले मन पर बामनाको रंगभूमिमें नृत्य करनेवाली इन्द्रियों २२. काबू पाने में अपना गुलाम बनाने में दो बारित्वका दम्य है।
___ साधु. १२वी, यानी शः जितने ही महत्वपूर्ण हैं उन्हें प्राप्त कानके लिये उतनी ही साधना, तपस्या और त्या को आवश्यकता है। केवल मात्र नम रहने अथरगेरुर वन धारण कर लेनेसे ही वह पद प्राप्त नहीं हो जाता है। जब तक वह अपनी कामनाओं
और लालमाओं पर विजय प्राप्त नहीं कर लेता, टमकी इच्छए. मर नहीं जाती तबतक तो केवल दो मात्र ही है। वे व्यक्ति जो अपने गाईरथ जीवनको ही सफल नहीं बना सके, माधनोंक प्राप्त होते भी जो अपनको अग्रसर नहीं कर सके और गृहस्थ जीवनको कक्षामें अनुत्तीर्ण होकर यश, सम्मान और इच्छाओं की लालसाओंसे आकर्षित होकर अपनी अकर्मण्यताको ढकने के लिये तपस्वी या महात्माका स्वांग रचते हैं और भोले संसारको ठगने के लिये तरह तरह के माया जाल रचते हैं वे तपम्वी नहीं भात्म वंचक है। वे मरनेको ईश्वरका प्रतिनिधि बहनेवाले तीव्र प्रतारणाके पात्र हैं, माडंरकी मोटमें अपने