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विशेषष्ट के तीन प्रकार
। अतीतकालग्रहण, ३ अनागतकालग्रहण
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वर्तमानकालग्रहण,
प्रौपम्य के दो प्रकार -
1 साचोपनीत,
2 वैवोपनीत
साधय के तीन प्रकार
1 किञ्चित् साधम्र्य, 3 सर्वसाधर्म्य
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प्राय सावयं,
पागम के दो प्रकार
1 लौकिक
2 लोकोत्तर
दर्शन गुरण प्रमाण के चार प्रकार
। चक्षुदर्शन 3 अवधिदर्शन
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अचक्षुदर्शन केवलजान
चरित्रगुरा प्रमाग के पाच प्रकार
। मामयिक 3 परिहार विशुद्धि 5 ययाख्यात
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छेदोपस्थापन, सूक्ष्मसपराय,
नय प्रमार के तीन प्रकार
1 प्रस्तरसपटान्तन 3 પ્રાદબ્દાન્તન
2 वमतिदृष्टान्तन
संख्या प्रमाण के पाठ प्रकार
1. नाम सन्ध्या 2 स्थापना सस्या 3 द्रव्य साया 4. श्रीपम्य माया
5 परिमाण माया
जान मम्ध्या 7 गगना मस्या 8. भाव गरया
प्रमाण के दो प्रकार
। लोकि ग्रो
2 जोरोनर