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गुरण प्रमारण के दो प्रकार
I जीवगुण प्रमारण,
जीव गुरेण प्रमारण के तीन प्रकार
1 ज्ञानगुण प्रमाण
दर्शनगुरण प्रमारण
चारित्रगुरण प्रमारण
3
ज्ञानगुण प्रमाण के चार प्रकार
प्रत्यक्ष,
श्रीपस्य और
1
3
प्रत्यक्ष के दो प्रकार-
I इन्द्रिय प्रत्यक्ष और
इन्द्रिय प्रत्यक्ष के पांच प्रकार
श्रोत्रेन्द्रिय प्रत्यक्ष
घ्राणेन्द्रिय प्रत्यक्ष
स्पर्शनेन्द्रिय प्रत्यक्ष
I
3
5
नो-इन्द्रिय प्रत्यक्ष के तीन प्रकार
अवधिज्ञान प्रत्यक्ष
मन पर्यवज्ञान प्रत्यक्ष
केवलज्ञान प्रत्यक्ष
1
2
3
अनुमान के तीन प्रकार
1
3
પૂર્વવત્ दृष्टमावयवत्
रोषवत् के पाच प्रकार
1 कार्येण,
3 गुगणेन,
5 श्राश्रयेण
दृष्टसाधर्म्यंवत् के दो प्रकार
1
मामान्यदृष्ट
( 136 )
2 जीवगुरण प्रमाण
2
4
2
2
4
2
2
4
2
अनुमान,
आगम
नो-इन्द्रिय प्रत्यक्ष
चक्षु इन्द्रिय प्रत्यक्ष
जिह्व ेन्द्रिय प्रत्यक्ष
शेपवत्
कारणेन,
श्रवयवेन,
विशेषदृण्ड |