________________
३७६ / जैन कयामाला (राम-कथा) चारों ओर छा गई। राम के कटक की प्रसन्नता भरी आवाजें लंका के राजमहल तक जा पहुंची।
-त्रिषष्टि शलाका ७७
विशेष-(१) वाल्मीकि रामायण के अनुसार लक्ष्मण का उपचार किया था वानर सुपेण ने महोदय पर्वत पर उत्पन्न हुई चार औषधियों से जिसे हनुमानजी लाये थे।
युद्ध काण्ड (२) तुलसीकृत में नाम तो सुषेण ही रहा किन्तु वह वानर न रहा। वह हो गया लंका का वैद्य । हनुमान उसे घर सहित लंका से उठा लाये और उसने लक्ष्मण को सजीवित किया। [लंका काण्ड, दोहा ६१]
यहाँ भी हनुमान के द्वारा पर्वत लाने का उल्लेख है। इसके अतिरिक्त हनुमान के द्वारा ही अयोध्या में भरत को भी राम-रावण युद्ध और लक्ष्मण के अचेत होने की सूचना मिलती है ।
[लंकाकाण्ड, दोहा ५६-६०]