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२२६ जैन कथामाला (राम-कथा)
दोनों पति-पत्नी श्रीराम से यथेच्छ धन लेकर वापिस लौट आये। कुछ समय पश्चात् ब्राह्मण कपिल ने नन्दावतंस सूरि के पास दीक्षा ग्रहण कर ली। ___ वरसात समाप्त हो चुकी थी। श्रीराम ने वहाँ से जाने की इच्छा प्रकट की तो गोकर्ण यक्ष ने श्रीराम को स्वयंप्रभ नाम का एक हार, लक्ष्मण को दिव्य रत्नमय दो कुण्डल और सीताजी को चूड़ामणि तथा इच्छा-प्रमाण वजने वाली एक वीणा भेंट की।
श्रीराम, सीता और लक्ष्मण आगे चल दिये और यक्ष ने अपनी माया समेट ली । नगरी गायव हो गई।
•~त्रिषष्टि शलाका ७५
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