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रानी सिंहिका का पराक्रम
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__ सुकोशल राजा की रानी ने एक पुत्र को जन्म दिया। उसका नाम, हिरण्यगर्भ रखा गया क्योंकि गर्भ में ही . वह राजा बन गया था। विवाह योग्य होने पर उसका विवाह मृगलोचनी मृगावती से हुआ।
हिरण्यगर्भ के पुत्र का नाम था-नघुष । नघुष युवा हो गया और हिरण्यगर्भ वृद्ध । नघुष का - विवाह सिंहिका नाम की राजकुमारी से 'कर दिया गया।
एक दिन अपने शिर पर एक सफेद वाल को देखकर हिरण्यगर्भ . को संसार से विरक्ति हो गई। उसने राज्य का भार नघुष को सौंपा • और स्वयं विमल मुनि के पास जाकर दीक्षित हो गया।
नघुष अयोध्या का राजा बना। वह सिंह के समान प्रतापी और -महत्वाकांक्षी था। उसे अयोध्या के राज्य से सन्तोष नहीं हुआ। राज्य का शासन सूत्र मन्त्रियों को देकर वह उत्तरापथ के राजाओं को विजय करने चल दिया । अयोध्या में रह गये-मन्त्री और रानी सिंहिका।
दक्षिणापथ के अन्य राजाओं ने अयोध्या के राज्य को हड़पने का यह उचित अवसर देखा। उन्होंने सोचा-'नघुष तो है नहीं, अतः सरलता से अयोध्या पर अधिकार हो जायगा।'