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(५) वाल्मीकीय में ही रावण द्वारा सीता पर बलात्कार न करने के " तीन कारण दिये गये हैं--(क) युवावस्था में ही जब रावण ब्रह्मा के आश्रम में रहता था तब पुजिकास्थला नाम की अप्सरा पर बलात्कार करने के कारण ब्रह्मा द्वारा दिया गया शाप, (ख) वैश्रवण के पुत्र नलकूबर की वधू रम्भा - अप्सरा के साथ वलात् भोग करने के कारण नलकूबर द्वारा दिया गया श्राप, (ग) वरुण-युद्ध में विजय प्राप्त करने के पश्चात् जब रावण अनेक स्त्रियों को वलात् ला रहा था तब उन पतिव्रताओं द्वारा दिया गया श्राप ।:: :
(६) वाल्मीकि रामायण के अनुसार रावण सीता को अंक में उठाकर ले जाता है जबकि 'मानस' में पुष्पक विमान में बिठाकर । .. .
(७) लक्ष्मण शक्ति लगने के प्रसंग में भी अन्तर है। वाल्मीकीय में लक्ष्मण रावण की शक्ति (यह शक्ति उसे मय दानव द्वारा मन्दोदरी के विवाह अवसर पर दहेज के रूप में प्राप्त हुई थी) द्वारा विभीषण को बचाने के प्रयास - में मूर्छित होते हैं और तुलसी के 'मानस' में मेघनाद की वीरघातिनी शक्ति
द्वारा । मानस के अनुसार रावण ने अपनी. यह शक्ति राम पर चलाई किन्तु .. उनका कुछ न विगड़ा । वे केवल थोड़ी देर को मूच्छित हो गए।
(८) इसी प्रकार लक्ष्मण को सचेत करने वाला तो दोनों ग्रन्थों में सुषेण ही है किन्तु वाल्मीकीय में यह वानरः (वरुण का पुत्र) था और तुलसी ने इसे - लंका का वैद्य वताया है।
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१. वाल्मीकीय रामायण युद्धकाण्ड, पृष्ठ ३४३ २. वही, उत्तरकाण्ड, पृष्ठ ४७२ ३ वही, उत्तरकाण्ड, पृष्ठ ४६६.
४ वही, अरण्यकाण्ड, पृष्ठ २१३: ....: तुलसीदास रचित : रामचरितमानस अरण्यकाण्ड, दोहा २८
६ वाल्मीकीय रामायण, युद्धकाण्ड, पृष्ठ ४१७. . ... ... ७ तुलसीदास : रामचरितमानस, लंकाकाण्ड, दोहा ५४ ८ वहीं, दोहा ६३-६४
वाल्मीकीय रामायण युद्धकाण्ड, पृष्ठ ४.१७. . . १०. तुलसीदास : रामचरितमानस, लंकाकाण्ड, दोहा. ५५.