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- और ब्राह्मणों ने रावण के अत्याचारों से दुखी होकर विष्णु से प्रार्थना की तब * उन्होंने रावण-वध की प्रतिज्ञा की।
(२) वाल्मीकि रामायण में परशुराम का गर्वहरण तब होता है जब राम सीता से विवाह करके अपने पिता दशरथ आदि के साथ अयोध्या लौट रहे होते हैं अर्थात वन-मार्ग में और मानस में यह प्रसंग धनुभंग होते ही • स्वयंवर मण्डप में दिखाया गया है।
(३) शिव-पार्वती विवाह, केवट की भक्ति-भावना-वनवास जाते समय नाव से गंगा नदी पार उतरने के अवसर पर हुई चरण धोने की घटना', चित्रकूट में राम-भरत मिलाप के समय राजा जनक की उपस्थिति', इन्द्रपुत्र जयन्त की कुटिलता-कौए का रूप रखकर सीताजी के चरणों में चोंच मार देना तथा राम द्वारा उसकी एक आँख फोड़ना आदि घटनाएं 'मानस' में तो हैं किन्तु वाल्मीकि रामायण में इनका उल्लेख नहीं है।
(४), तुलसी के 'मानस' में तारा प्रारम्भ से ही सुग्रीव की पत्नी है जिसे वाली बलात् रख लेता है और इसी के कारण सुग्रीव-वाली-संघर्ष होता है। जबकि वाल्मीकीय में तारा बालि की ही पत्नी है और संघर्ष का कारण है अंकोमा जो कि सुग्रीव की पत्नी है और उसे वाली बलपूर्वक रख लेता है।
१ संक्षिप्त वाल्मीकीय रामायण, वालकाण्ड, पृष्ठ ५४-५५
.(हिन्दी संस्करण, गीता प्रेस, गोरखपुर) २ वही, पृष्ठ ८५-८७ ३ तुलसीदास : रामचरितमानस, वालकाण्ड, दोहा २७०-२८५ ४ वही, दोहा-६४-१०३ ५ तुलसीदास रचित : रामचरितमानस, अयोध्याकाण्ड, दोहा १०० ६ वही, दोहा २७५-२७६. ७ वही, अरण्यकाण्ड, दोहा, २ ८ वही, किष्किधाकाण्ड, दोहा ६ ३ वाल्मीकि रामायण किष्क्रियाकाण्ड, पृष्ठ २३७-३६
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