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: ११: हिंसक यज्ञों के प्रचार की कहानी
रावण और मरुतराजा दोनों ही नारद का वृत्तान्त सुन रहे थे। दशमुख ने पूछा
-मुनिवर ! यह महाकाल असुर कौन था ? नारदजी ने कहना प्रारम्भ किया
चारणयुगल नगर के राजा अयोधन' की रानी दिति से सुलसा नाम की एक पुत्री उत्पन्न हुई। सुलसा ने जैसे ही युवावस्था में प्रवेश किया, पिता को उसके विवाह की चिन्ता लगी। ___ राजा अयोधन ने पुत्री का स्वयंवर आयोजित किया। देश-देश के राजा बुलाये गये । राजागण पहले ही आ गये थे और स्वयंवर तिथि आने में अभी देर थी । अतः चारणयुगल नगर उनकी सरगर्मियों का केन्द्र बन गया । राजमार्गों, उपवनों वीथिकाऔं सभी में आगन्तुक राजाओं और राजपुत्रों की चहल-पहल रहती।
१ चारणयुगल नगर के राजा का नाम सुयोधन है।
--उत्तर पुराण पर्व ६७, श्लोक २१३ २ सुलसा की माता का नाम अतिथि है।
- उत्तर पुराण पर्व ६७, श्लोक २१४