________________
सार्थ पर शबरों के आक्रमण का वर्णन किया है। शबरों ने जब यात्रियों को मार-डाट कर उनकी बहुमूल्य वस्तुएँ छीन ली तथा सार्थ के तितर-बितर होने से सार्थवाह की लड़की कुवलयचन्द्र की शरण में आ गई तो कुवलयचन्द्र भी शबर सेनापति से युद्ध करने लगा। अन्त में जब वे एक दूसरे से पराजित न हुए तो शबर सेनापति ने कुमार से संधि कर ली। बाद में जब दोनों में परिचय हुआ तो शबर सेनापति ने सार्थ का सब धन वापस कर दिया।
(73)