________________
4. वरवधु का तैलाभ्यंगन-सुगन्धित पदार्थो का लेप, दूब के अंकुर, दधि, अक्षत आदि मांगलिक पदार्थो द्वारा लाल वस्त्र पहने हुई सधवा स्त्रियों द्वारा प्रमृक्षण क्रिया,
5. समज्जन-सुवर्ण कलशों द्वारा सुगन्धित जल से स्नान, 6. नहछू कर्म, 7. विवाह के पूर्व स्वस्तिवाचन,
8. वधू अलंकरण–महावर, स्तनों पर पत्र लेखन अधर रंजित करना, नेत्रों में अंजन, तिलक, केश प्रसाधन, पैरों में नूपुर, अंगुलियों मे मुद्रिका, नितम्बों पर मणिमेखला, बाहुमाला, स्तनों पर पद्मराग मणि घटित वस्त्र, मुक्ताहार, कर्णाभूषण और मस्तक पर चूडामणि,
9. वर अलंकरण,
10. मण्डप का निर्णाण,
11. लग्न निश्चितत करना,
12. बारात का जनवासे से प्रस्थान,
13. वर का मण्डप में विलासिनियों द्वारा स्वागत्
14. भौंह का स्पर्श,
15. सखियों द्वारा वधू के बूंघट का हटाना,
16. वर वधू का आपस में एक दूसरे का मुख देखना,
17. गठजोड़,
18. पाणिग्रहण,
(44)