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चिन्तित इन्द्र हुए, यह होगी -
भू पर कैसी किसी दीन ब्राह्मण के घर मेबिहँसे यह जल जात ||
नही, नही वे क्षत्रिय के घरलेंगे जन्म
26 / जय महावीर
तभी करेगे पाप-पुञ्ज
धरती का
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सद्धर्मो मे लीन भुवन रहते सदा
उदार ।
इस
क्षत्रिय कुण्ड नगर के राजा
पुण्यवती
वात |
उद्धार ॥
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इनकी रानी त्रिशला भी थी
सिद्धार्थ ।
मे
परार्थ ॥
जाग्रत
ज्ञान-विवेक ।
सदा भजन करती थी धर करमन मे प्रभु की टेक ॥।