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श्रीशांतिनायनो रास खंक चोयो. बीशे ॥ गन्यांकाणी ॥ एम मनमान्यागुनदा जी, करनी होने केलि ॥ तो वेगमायें किसी जी.प्रीति ए विपनीवेल के |10 || २ ॥ कुन लक्षा लोपी sri जी, न गणी परनव जीनि । नारी वेद कुशीतिगी जी. एद थी [ विपरीत के । रम ॥ ३ ॥ यतः ॥ अनुमणों लोदा बनयारी, अकिंचागो मोह दिकधारी । लहाजुश्रा सोहः एकपत्नी, घुड़ी सो
गयमंतः ॥ १ ॥पूर्वदाला जोवो वातनी वातमा जी,चित्त फारिस ततकाला॥ ने मामु जोवे नहिं जी, 'ब्रांति बडी चंमाल के ॥ २० ॥ ४ ॥ नजर न मां नाइलो जी. केम दीसे दिल गेप ।। हनी न बोने देज जी, किरण कारण एशोप के ॥ र ॥ ५ ॥ श्राग न जोपी एदनी जी, चालतां एक चित्त ॥ ग्लमांहिं कम रुपणं जी, पडीयं व्याधि अचिंत के ॥ २० ॥ ५॥ पग्नर सायें नवि ग्मी जी, सूची निकलक || काली कीकी किम या जी, पंत तणी विग बंक के ॥ २० ॥ ॥ दिवस ये चार चया जिस्ये जी, नशम्यों गेप लगार ॥ लगी शच्या लेइ रह्यो जी, मन चे ना तार के 12007 ॥ यतः ॥ श्राज्ञानंगानरेशणां. गुरूणां मान मर्दनम् ॥ष्टय गच्या च नारीणा,मगन्त्रवध उचने ॥२॥ पूर्वढाल एम अरे चती जी, गलदो वे गाल ॥ एडवे रमतो श्राचीयों सी, नादानों रोमक वाल के ॥ २० ॥ याबीने कनो रयां जी, कां गये एम मान। नपने मुकर पाणु जी, ताणां नुकतात के ॥ १० ॥ १० ॥ यत्न कां जाएy दोचे जी, ना कहे मुशन लाच ॥ तादी गति तहिन लदे जी, काले कारनां वाच के 11 10 11 ११ ॥ चमकी चिन चिनमांजीदीमे एर बलाय ॥ कर जीटीएमवीन जी, गन्स ९ नारी माप के ॥ 10 शाम प्रनन्न नु नपरें जी, नदि लोई नुज प्राण अनुरस रिला भी मन महत्या में जाम के ॥२०॥ १३ ॥ गडी कदम गर्ग नमें जी, निता कि मनमांटि । पुनषि पुत्र पिना बनी , प्रवा रगती न्यारे॥२०॥१४॥ मटकी चिद दिशि नांदनी ती. मान में गोमाजी ना शाला जी, जाये नर माय. TE : ५६ जना किमान जी, देवानी ने नित । मनुमोदजी . चनजाने में 116 १८ गश भर मां
ने नरगहो पर में पूर्व परदनों