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श्री शांतिनायनो रास खंम चोयो. २०५ अने पंच पदना, मति श्रुन ने अवधि मन धार ॥ मुए ॥हा॥ २ ॥ निम मनःपर्यव चोयं सही, पंचम केवल निःफलक ॥ तुः ॥ दीय नेदें परोदए जाणीव.प्रत्यक्ष विडं ने निःशंक। सु० ॥ ३॥ दोय विक व्य एक संकल्पथी, प्रत्यक्षमाहे बिटुं नेद ॥ १० ॥ नेद यहावीगप्रयमना, श्रुत चउदस जाणां प्रखेद ॥ माझा॥४॥ पट ने अवधि मन वाणी य, मनःपर्वर दोय विकल्प | सु० ॥ दायिक झान ते पाच मुं. तहमा नदि कोय मंकल्प ॥ सुझा ॥५॥ एम नेद एकावन झानना, मतिना तेहगां बद होय ।। नु० ॥ मतिपयोय घाणा श्रने, बुद्धि स्मृति प्रज्ञा जो व ॥ ॥झा ॥८॥ मति कहीये दो नावी कालनी. बुद्धि संप्रनिकालनी जाण ॥ सु ॥ स्मृति लीये काल अतीतनी, प्रझा बिटु काल वरवाण ।। तु० ॥०॥७॥वलीप चिटुं ने जाणीय.योत्पातिकी पदेली बुद्धि तनु । चनधिसी बीजी वली, कामगकी त्रीजी विशुद्ध ॥ ॥ज्ञाo150 चोची की पारिणामिकी, चुटिए निहुँ नेद विचार ॥ नु ॥ अगदीतुं श्राण सान. उपजे ते पहेली सार H ORT पर गंदा तागो, प्रल प्रयाने संबंध ॥ १० ॥ निसुण लपली ए पर्षदा, मति उपर ए प्रबंध ॥ सदा ॥१॥ यश गेहकनबंधः ॥ नयरि अवंतीमांदे बने, थरिकगरी नामें नरेश ॥ ॥ ने नवरीनी समीप ने, एक मोटी शिला विशेष ।। RO HE९१॥ नाम समीपं ही नटनागं, एक गाम ने इति ॥ मुः ॥ नट मगर यम निदानवान गुणी कलावंत ॥ KC 201१२॥ नन पान नांद्रामाणी, गंदर नामें एक बाल ॥ ॥ सगरमा माना
मनकापन्जायमाल II TO EITY011 मधिमणी नान बीजी ग नल जन को मार । म बोगन मद उन्मन ,न मा गहरा शगार ॥
१ १॥ गोपने गली नांगमा For लांडोष ॥१०॥ बालपणे माना मा. जगए सम बन जोय !! RITE? UI! गंजा विनोमानी जो मार Kamar ॥ Ferrम गगनी नीमानी मानसान IITER समान में मंना ॥ पण गागज TATAYE 1131
बोली Foreiम
नी मार!! शियम
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