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श्री शांतिनाथनो रास खेम चोथो. ०३
॥ ढाल अव्यावीशमी ।। .. || गुण गिधा गुण गिज्या गोडी पाम हो । ए देशी ॥ गुण नरिया गुण नग्यिा दरीयानी परें, मुनिजनने मुनिजनने बदु परिवार हो ।। जय चंता जयवंता हो जिनवर याविया जी ॥ वणुं प्यारा घएं प्यारा सदुमन जाविया जी ॥१॥ नव कमलें नव कमलें कनकने पद धरे, वर अतिशय वर अतिशय गुणनंमार हो ॥ जग बहाला जग वहाला जिणंद पधारीया जी॥ ५ ॥ तिण नयरीय तिण नवरी तिण उद्यानमां, तिण वेला तिण बेला त्रिभुवन जाण हो ॥ जगनायक जगनायक यावि समोलम्बा जी ३ ॥ सुर मतिया सुर मलिया चार निकायना, वर उँहि बर इंहि गयरा घुरंन हो । जगवडाला जग बहाता जिणंद पधारिया जी ॥ ॥ ॥ हम कर दमंकर जिननी वधामणी, वनपालक वनपालक दीधी तिवार हो । मनमोहन जगसोहन श्रीजिन श्रावीया जी ॥५॥ धन यापी धन श्राप बद्ध बनपालने नृप चाट्योनृप चाल्यो बंदन काज हो। मन मोदन जगलादन श्रीजिन प्यावीया जी॥ ८ ॥ प्रदक्षिणा परदक्षिागा त्राप दे करी, पर मेयर परमेश्वग्ने परणाम हो ॥ कर जोडी कर जोडी एम स्तवना करें जी॥७॥ त्रिगुणातम त्रिगुणातम त्रिगुण व्यतीत ठो,त्रिनुवनना विनुवनना नायक निद्ध काल दो। त्रिकरगणुंत्रिकरण दो में दिलमें धना जी 150 श्राज पावनमाज पावन थइ मुजदेवड़ी, जानें नेट्या नजें नेट्या श्रीजिन पंदहो । मुक दोग मुक दोग सरि नाजी गया जी 11 याज जाणं ग्राज जाणु फल्यो मुजप्रांगण. सरपाटप सुग्पादप तुफ दीदार दो शानयोग राजयोगको प्रनु नेटीवो जी ॥ १० ॥ नदि जिनन स्तनि जिन दो चना मागलं. रजापुर बजायुगजी का साटिनो । प्रन जांच मन नांगांनुसतना जी ॥११॥ नरम नरम हो मांटन भयो, नरिमाणन जाणे विपणनी पार हो ॥ पाणं गाना गाणं गना
समानीया सच या मोविश्य जिल्ला नाजान मां बननांनो मर्म र्मयादर
in : ये नये दाग के मया मित्रा सानो जानी
naitik TAL सामनाया, नरमा