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________________ ३४ जैनकथा रत्नकोष नाग सातमो. कुमारो अप्सरा साथे कीडा करे, तेम क्रीडा करवा लाग्या. पड़ी ते बेदु कुमारोना गुणोथी आकष्टचित्तवाली एवी घणीक कन्यायें दूरदेशथी यावी, ते वेदु कुमारोनी साथे पोतानो नछाह कस्यो. आवी रीतें ते बेदु कु मारमा एकेकाने पांचसो पांचसो स्त्रीयो साथै नछाह थयो. अर्थात् एकेक नाइने पांचसो पांचसो स्त्रीयो थ. वली जरताईना राजायें तेने हय, गज वगेरे नेट मोकलावी आपी. या प्रमाणे माहाप्रतापी एवा ते बेदु नाश्यो त्यांज रहीने अनेक लोगो जोगवे ने. एक दिवस पोताना प्रता पथी जेने अनेकराजा नमे , तथा जेने स्त्रीयो तथा संपत्ति पण घणीज , एवा पोताना वेदु पुत्रोने जोश्ने सुमंगलराजा विस्मय पामी गयो. अने प्रातःकालें चित्तमां चिंतववा लाग्यो के अहो ! या मारा पुत्रोनुं तो पूर्वोपार्जित पुण्य अगण्य देखाय ले, कारण के तेना सर्वे नूचर राजा तथा खेचर राजा नृत्य थइने रह्या . वली आवी सर्व संपत्ति जे जे ते कांश, जीवने कोइदिवस पूर्वकृतपुण्य विना मलती नथी. कडुं के ॥ श्लोक ॥ मातंगपूगास्तुरगश्च तुंगाः, रथाः समावि कटानटौघाः ॥ बुद्धिः समृदिर्जुवने प्रसिदिः, पुण्यात्तनौ स्यादतुलं बलं च ॥ १ ॥ अर्थः- आ जगतमां मनुष्यने हस्तीयोना समूह, तथा उंचा अने मनोहर एवा अश्वो, मजबूत एवा रथो, विकट एवा सुनटोना समुदाय, रूडी बुद्धि, घणी समृद्धि, त्रण नुवनने विपे प्रसिदि, शरीरने विषे अतुल एबुं बल. ए सर्व पूर्वकत पुण्यथी प्राप्त थाय ले. माटें आवा मनोहर अने महापुण्यशाली जेने पुत्रो , तथा संसारना सर्व नोग जेणें जोगव्या ने एवो जे ढुं,ते मारे हवे कांइक परलोकने माटे साधन कर, तेज उचित ने, परंतु ते परलोकनुं साधन तो सधर्मना सेवनविना थातुंज नथी. वलीपा जगतमां समर्मोपदेष्टा अति उर्जन डे ॥ यतः ॥ सोलनो लोके, सर्वे पाखंकि नोयतः ॥ मिथोविरोधिनियथै, स्वस्वधर्म वदंत्यहो ॥ १ ॥ अर्थः-श्रा जग तमा सर्व पारखमीयो होवाथी सर्म जे मलवो जे,ते घणोज उर्लन ने.का रण के ते पाखंमीयो पोत पोताना परस्पर विरोधक ग्रंथोथी पोतपोताना धर्मने सत्य कहे , अने बीजो सत्य अने सारनूत होय तो पण तेने खोटो कहे , तेथी सत्यवादी कोण अने असत्यवादी कोण? एम कांही खबर पडती नथी. जुन. मनुष्य जे जे, ते सहर्मना उपदेशने पोताना
SR No.010252
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1892
Total Pages517
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size66 MB
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