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________________ पृथ्वीचं अने गुणसागरनुं चरित्र. ३४१ ने. वली थोडी वार जोश्ने निश्चय करी विचारवा लागी के अरे ! हा, आ तो तेज जे. एम निश्चय करी तेणें त्यां बेठेली सर्व कन्याउने साद पाडी कह्यु के हे बेहेनो ! था प्रतापी पुरुषने तमोयें उलख्या ? या तो आपणा पुंद्रपुरना राजाना गिरिसुंदर नामा पुत्र , अने आपणने या प्रानाविक पुरुषंज उष्ट चोरना कुःखथी बचावीयो . ते सांजली सर्व कन्यायें ते कुमारने उलख्यो, अनें सर्व खुशी थश्यो. पनी कुमार परना प्रेमरागें करी रंगायेलीयो एवी ते सर्व कन्या कहेवा लागीयो के हे कु मार ! ते उष्ट चोरें अमारु हरण का, अने अमो घणा दिवस थाहीं रहीयो, तेथी हवे घेर जश् सगां संबंधोने मुख देखाडतां अमने लाज आवे बे,माटे अमारो सर्वनो तो एवो निश्चय , के कां तो तमोने वरवं ? नहिं तो अमिमां. पडी बली मर. परंतु आ देहथी बीजा वरने वरवो नहिं ? आ प्रकारनां वचन सांजलीने दयालु एवा ते गिरिसुंदर कुमार कह्यं जे अरे! विधिने पण धिक्कार हजा. कारण के तेणे आवी बिचारी निराधार कन्याउने फुःख दीg? एम कहीने वली विचारवा लाग्यो के अहो! या सर्व कन्या मनेज वरवानो आग्रह लइ बेठीयो , तेथी जो तेने नहि वरूं, तो ते सर्वे अग्निमां प्रवेश करी प्राणत्याग करशे, तो ते बीचारी दीनवदनाउने प्राणत्याग करतीयो ढुं केम जोई शकीश ? तेम वली आ अनाथनी साथें माझं लग्न पण ढुं केम करूं ? माटे मारे ते हवे झुं करवु ? परंतु हा, एक उपाय के खरो, ते गुं? तो के हाल तो आ सर्व कन्याने वरवानी हा कर्बु, अने बाहिं तेनी पासेंज रहूं. पनी तो जे बनशे, ते खरूं ? एम विचारीने ते सर्व कन्याउने कयुं के हे कन्या ! तमो उच्चाट बोडी दीयो. कारण के हुँ तमने जरूर वरीश. एम कहीने ते कन्याउ साथै विविध प्रकारनी कामक्रीडा करतोथको ते पातालगृहने विषे एकमास पर्यंत रह्यो. एवी रीते रहे ले तेवामां एक दिवस पोतानो परममित्र जे रत्नसार कुमार जे, ते सांनरी याव्यो. तेथी तत्काल ते कन्याउने पूब्याविनाज हाथमां चंइहास खड्ग लड्ने त्यांथी बाहार निकली गयो. पनी साधकदत्तविद्याथी कापडीनुं रूप ग्रह ण करी पोताना पुंद्रपुरनामा नगरने विषे आव्यो. त्यां तो जेमां को प ण बालको रमतां नथी, तेम को ठेकाणे वाद्य पण वागतुं नथी. वली जे मां रहेनारा जनोना मुखपर शोक बाइ रह्यो . एवा पोताना सर्व नग
SR No.010252
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1892
Total Pages517
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size66 MB
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