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________________ एथ्वीचं अने गुणसागरनुं चरित्र. नए थइ रहेली लक्ष्मी हशे? के सुरेंना शापथकी नूमिपर थावेली को देवांगना हशे ? के था ते झुं पातालथकी निकलेली नागकन्या हो ? थ हो! यावी था अत्यंत रूपवती कन्या ते कोण हशे? कदाचित् हाल में नत्प्रेक्षा करेली स्त्रीयोमाथी जो था कन्या न होय, तो सर्वजनोनो त्याग करी एकांतवनमा पर्णकूटी करी रहेला धातपस्वी मुनि पासें ते क्याथी होय? एवीरीतें चित्तमां चिंतवीने कुमार कहे जे. के हे जगवन् ! सर्वथा सर्वना संगने त्याग करनारा, ब्रह्मचारी, वनमा रहेनार, एवा आपनी पासें यावी अतिरूपवती कन्या क्यांथीयावी? कारण के आ में कह्यां एवां कारणोथी तो आपनी पासें आवी कन्या होवानो सर्वथा संनव नथी. तेथीथा अघटित घटना थइ . ते जोश्ने मारा मनने महोटुं आश्चर्य उत्पन्न थाय बे ? मा टे रुपा करी या कन्या, आपनी पासें क्यांथी यावी ? ते सर्व हकीगत कही संननावो.ते सांजली तापस कुलपति ते कन्यानी नत्पत्ति वगेरेनी सर्व बिना कहेवा लाग्या. के हे राजकुमार! जे कार्य,अनेक युक्तियोने करवे करी जीव थीनथी बनतुं,ते कार्य कोक कर्मयोगें प्रयास विना एनीज मेलें बनी जाय . जुन.के जेनो आपणे सदा संयोग इलिये बैयें, तो तेनो आपणथी वियोग थ जाय . तथा वली जेनो आपणे सदा वियोग इलिये बैयें, तो तेनो कर्मयो गथी संयोग थइ जाय . माटें कर्मयोगमां कोस्नु माहापण चालतुं नथी. यतः॥ वित्त्वा पाशमपास्य कूटरचनां नंका बलाहागुरां, पर्यताग्निशि खाकलापजटिलानिर्गत्य दूरं वनात् ॥ व्याधानां शरगौरवादतिजवेनो त्लुत्य धावन्मृगः, कूपांतः पतितः करोति विमुखे किं वा विधौ पौरु पम् ॥ १ ॥ अर्थः-कोइ एक मृग हतो, ते प्रथम तो पाराधीना करेला पाशमां पज्यो, त्यांथी ते पाशलाने बेदीने नीकली गयो. त्यां पालो कोइ एक बीजा पाराधिनी करेली कूटरचनामां थावी पज्यो, तेमांथी पण कांक युक्ति करी नीकलीने लाग्यो, त्यां अकस्मात् मृग बांधनारायें करेली जालमां थावी फस्यो, तेमांथी पण बल करी महाप्रयासें नीकली एकदम नागी वनमां याव्यो, त्यां ते वनमा दावाग्नि लागवाथी दुःखित थइ पलायन थयो, त्यां पण मृगोने मारवा माटे उना रहेला पाराधियोनां बाणो बुटवा लाग्यां, तो तेमांथी पण महत्कटें करी जीव लश्ने लाग्यो, तो ते मृग, कर्मना योगथी अचानक एक मा कूवामां पडी मरण पा
SR No.010252
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1892
Total Pages517
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size66 MB
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