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________________ ४४ जैनकथा रत्नकोष नाग हो. ती ॥ २७ ॥ इत्यादिक चित्तमां चिंतवी, पृथ्वी अरुण करवानी गुणसुंदर प्रधानने आझा करीने, पोते श्रीजिनशासनने योग्य एवी सदुने शिक्षा देश, जिनशासननी प्रनावना करीने, अहा महोत्सव साचवीने. उग्रकु ल, नोग्यकुल, राज्यकुल अने क्षत्रिय कुलना उपन्या, वैराग्य पामेला, सं सार सुखथी विरक्त थयेला एवा पांचवें पुरुषसहित तथा गुणसुंदर प्रधान सहित राजायें केवली पासें चारित्र लीधुं. त्यार पनी ग्रहण शिक्षा तथा या सेवना शिक्षा ए बे प्रकारनी शिदा धरता एटले ग्रहण ते ज्ञान अने आ सवेन ते क्रिया ए बेचनें धरता, मोद तेज एक साध्य जे जेने एवा थकां डुक्कर तप संयम पालतां, गुनध्यानमां तनीन रहेतां, पोताना सरखोज गुणवंत परिवार ने जेनो तथा व्यथी, देवथी, कालथी अने नावथी को इनो प्रतिबंध घणकरता, धर्मध्यानना चारे पाश्यामां चित्त राखतां,दमा, मार्दव, आर्जव, मुक्ति प्रमुख शुक्तध्यानना आलंबनने बालंबतां, परिसह उपसर्गना संसर्गने चित्तमां पण अण संनारतां,झान ध्यान समता संयम तपमा प्रवर्तता एवा ते महें मुनिराजने अने शेष साधुने पण सर्वोषध्या दिक अनेक लब्धियो नपजती हवी. तेना नाम कहे . ___ कोइक मुनिना विष्ठा,मूत्र,कफ,मल स्पर्शादिक शरीरना सर्व अवयव ते औषधीनूत थयां , ते सर्व औषधिलब्धिवंत साधु कहियें. केशक अपुतत्वें सूक्ष्मशरीर करवानी शक्तिवंत, अथवा केक मेरुथकी पण महोटुं शरीर क रवानी शक्तिवंत, केश्क वायराथी पण हलकुं शरीर करवानी शक्तिवंत, के श्क वजथकी पण नारे शरीर करवानी शक्तिवंत, केश्क नूमिये रह्या मेरु शिखरनो स्पर्श करवानी शक्तिवंत, केशक पाणीने विषेधरतीनी पेठे चाव्या जाय एवी शक्तिवंत,केश्कत्रण लोकनी ठकुराइ एटले श्रीतीर्थकरनी अथवा इंनी शदि प्रगट करवानी शक्तिवंत, केश्क सर्व जीवने वश करवानी श क्तिवंत, केश्क पर्वत मध्ये चाल्या जाय पण खलाय नहि एवा शक्तिवंत, केश्क मुनिने को देखे नही एवी अदृश्यकरणी शक्तिवंत, केशक सम कालें अनेकरूप करवानी शक्तिवंत, केश्क बीजबुदिमुनिराज जे एक पद मांथी बदु पद काढे एवी शक्तिवंत,केश्क कोष्ठक बुद्धिना धणी के,जे कांश कोठामां पडयुं ते विणसे नही एवी शक्तिवंत, केक पदानुसारी लब्धिवंत ते जे पद गयुं होय ते सांधी आपे, केशक मनोबलिया जेने सर्व श्रुत अव
SR No.010251
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year
Total Pages405
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size46 MB
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