________________ वेचवाना गपेला पुस्तकोनी यादी. 363 श्रीमुंबमध्ये मांमवीबंदर उपर शाकगलीने नाके होठ नरसी नाथाना नवा घरमां बीजे मजले श्रावक शा जीमसिंह माणकनी पासेथी देवनगरी लीपिमां बापेलां पुस्तको वेचातां मलशे तेना नाम तथा निनावलनी यादी. गुजराती लीपिना पुस्तक एमां दाखल कीधा नथी. पुस्तकोनां नाम. किम्मत. पुस्तकोनां नाम. किम्मत. रु.आ. रु.आ. 1 प्रकरणरत्नाकर भाग वीजो. .... 6-4 23 श्रीनेमीश्वर भगवाननो रास. .... 2-4 2 प्रकरणरत्नाकर भाग त्रीजो. .... 6-4 24 अढीद्वीपना नकशानी हकीकत. 2-0 3 प्रकरणरत्नाकर भाग चोथो. .... 6-4 25 नवतत्त्वना प्रश्नोत्तर कुंवरवि०कृत. 2-0 4 जनतत्त्वादर्शग्रंथ. .... .... 5-0 26 देवचंदजीनी चोवीशीनोबालावबोध१-८ 5 छ कर्मग्रंथ बालावबोधसहित..... 5-0/27 सिंदूरपकर बालावबोध, टीका, भा 6 प्रवचनसारोद्धार ग्रंथ. .... .... 5-0 पा, अने कथा सहित तथा वीतरा 7 तपगच्छीय श्रावकनां पांचे पडिक्कम ग स्तव बालावबोध सहित. .... 1-8 ___णां सविस्तर अर्थसहित. .... 3-828 चंदराजानो रास. .... .... 1-8 8 अंचलगच्छीय श्रावकना पांचे पडि 29 पयूषणादिक बारपर्वोनी कथाओ. 1-8 कमणा सविस्तर अर्थसहित. .... 3 8/30 पूजासंग्रह अढार पूजाओनो संग्रह. 1-8 .. ममरादित्य केवलीनो रास. .... 3-8/31 छूटा बोलोनो थोकडो..... .... 1-8 10 सुभापितरनाकर भांडागारम्..... 3--8 32 श्रीजिनबिंब प्रतिष्ठानो विधि..... 1-8. 11 जैनप्रबोध पुस्तक 700 स्तवन. -033 तपगच्छनां पांचपडिक्कमणांमूलपाठ.१-४ 12 सज्झायमाला 800 सज्झायो..... 3-034 समकेतमूल वारव्रतनी टीप. .... 1-4 13 श्रावकना बारव्रत कथासहित..... 3-0 35 लघुप्रकरण संग्रह. .... .... ?-4 14 पृथ्वीचंद अने गुणसागरनुं चरित्र.२-८ 36 भुवनभानु केवलीनो रास. .... 1-4 15 अध्यात्मकल्पद्रुमादिक अर्थसहित. 2-837 कर्पूरपकर वालावबोध कथासहित. 1-4 16 कल्पमूत्रनो वालावबोध. .... 2-8 38 कल्पसूत्र मूलपाठ. .... .... 1-0 17 वीरस्तुतिरूप हुंडीनुं स्तवनादिक. 2-8 30 बावीश बोलनो थोकडो.... .... 1-0 18 सम्यक्वखरूपस्तवनादिक- .... 2-8 40 खडतरगच्छना पांच पडिक्कमणां. 1-0 10 जयानंद केवलीनो रासं. .... 2-8 41 हरिबलमच्छीनो रास..... .... 1-0 20 श्रीशांतिनाथ भगवाननो राम..... 2-8 42 महाबल मलयसुंदरीना रास. .... 1-0 21 सारखतव्याकरण श्रीचंद्रकीर्तिमुरि 43 मागधी भाषानुं व्याकरण. .... ?-0 कृत महोटी टीका सहित. .... 2-8 44 हीतशिक्षानो राम. .... .... 1-0 22 श्रीपालनो रास संपूर्ण अर्थसहित. 2-4-45 विवेकविलास ग्रंथ अर्थसहित..... 1-0 & 0 0 0 0 0 0 0