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________________ अर्थदीपिका, अर्थ तथा कथा सदित. ४३५ कर्दमना पट्ट सरखो, किरमजना रंगसरखो ए चारप्रकारनो लोन जाणवो. हां शिष्य आशंका करे बे के संज्वलनादि चारं कषायं ते अनुक्रमें दे वगति, मनुष्यगति, तिर्यंचगति अने नरकगतिना हेतु कह्या तो संगमदेव धादिदेश्ने स्वर्गे केम गया ? अने श्रेणिकादिक नरकें केम गया ? ___ गुरु कहे जे हे शिष्य ! तें साधु कयुं पण क्रोधादिक शोल माहेला ए केकना वली चार चार नेद करिये ते जेमके एक अनंतानुबंधी कोधने प्र तिरूप एवो अनंतानुबंधीक्रोध ते अत्यंतचाकरो तीव्र तीव्रतर क्रोध जाणवो तथा एक अनंतानुताबंधियो क्रोध ते अप्रत्याख्या नियाक्रोध सरखो, एक अनंतानुबंधियो क्रोध ते प्रत्याख्यानियाक्रोध सरखो, एक अनंतानुबंधियो क्रोध ते संज्वलनना क्रोधसरखो ए चार प्रकारनो जेम अनंतानुबंधियो क्रोध ने तेम अनंतानुवंधि मानना पण चार नेद करवा तेम शोले कषाय ना चार चार नेद करतां चोशम्नेद थाय एटलामाटे संगमादिकने अनं तानुबंधियो क्रोध जे हतो ते संज्वलनना सरखो हतो तेथी ते स्वर्गे गया अने श्रेणिकादिकने अप्रत्याख्यानियो क्रोध जे हतो ते अनंतानुबंधि सरखो हतो माटे ते नरकें गया ते माटे कपाय सर्वथा प्रकारें बांझवो. जेमाटे चारित्रने एक अंतर्मुहूर्त्तमात्र कपाय करवाथी देशे नणा एकपूर्वकोडी पर्यंत उपार्जन करेला सर्व चारित्रने हारिजाय ते माटे क्रोधादिकनो नदय थयो ते निष्फल करवो. ए कषायनो रोध ते नलो डे ए कषायनी संलीनता कही तत्त्वेकरीने एज सार जे. बांदशांगीमांहे एज परम अर्थ डे ए कषाय ते संसार चमणना सखाइ ले माटे एने बांसवा. जे उत्तम सुख त्रणेलोकमां ले ते सर्व कषायना क्यथीज जाणवां अने जे मुःख प्राप्त थाय ने ते कषायनी वृद्धिथी थाय . परदर्शनी पण कहे ॥ यत्क्रोधयुक्तोजपति, यजुहोति यदर्चति ॥ तत्सर्व श्रवते तस्माद्, निकुंना दिवोदकं ॥.नावार्थ:-क्रोधयुक्त मनुष्य जे कांइ जप करे जे कांड होम करे अने जे कांश पूजे ते सघनुं तेनुं फुटल कुंजमांथी जेम पाणी चाल्युं जाय के तेम ते पूर्वोक्त कोधिनुं सर्व सुकत पण वृथा थाय .॥ ए क्रोधनामा कषायनेविषे करट अने महाकरट ए वे साधुनो दृष्टांत निचेप्रमाणे जाणवो. एबे साधु वर्षाकालें नगरना खालने विपे चोमासामां अनियह धारीने तपस्या करता काउसग्गे रह्या; ते ऋषिनी आशातनाना
SR No.010249
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1891
Total Pages477
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size63 MB
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