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________________ ३७० जैनकथा रत्नकोष नाग चोयो. सर्व देश देश देश, १० सर्व देश देश सर्व, ११ सर्व देश सर्व देश, १२ सर्व देश सर्व सर्व, १३ सर्व सर्व देश देश, १४ सर्व सर्व देश सर्व, १५ सर्व सर्व सर्व देश, १६ सर्व सर्व सर्व सर्व एरीतें एक संयोगी आउ, कि संयोगी चो वीश,त्रिक संयोगी बत्रीश अने चतुः संयोगी सोल,सर्व मली एंशी नांगा थया. - ए एंशी नांगा मध्ये पूर्वाचार्यनी परंपरायें सामाचारी विशेषे हमणां तो एक आहार पोपध देशथी सर्वथी वेदु प्रकारे करीयें बैयें. इहां शिष्य गुरुने पूछेने के निरवद्य आहार सामायिकनी संघाते वि रोध देखवाथी ते पोसह सामायिक सहित केवीरीतें थाय ? ___ हवे गुरु उत्तर कहे जे के साधु सर्व सामायिकव्रतना धारक ने ते केम बाहार करे ? तथा नपधानवंत श्रावक होय ते केम आहार करे ये तेने जेम आहार निषेध नथी तेम पोसहमांहे श्रावकने आहार निषेध नथी. __ शरीरसत्कारपोषध, ब्रह्मचर्यपोषध अने अव्यापारपोषध एत्रण प्रका रना पोषध,तो सर्वथीज नञ्चराय पण देशथी उच्चारतां तेनी साथे प्रायः सा मायिकनो विरोध थाय ने केम के सामायिक मध्ये तो " सावऊंजोगं पञ्च स्कामि” ए पाउथी सावद्य सर्व पञ्चख्या के अने शरीरसत्कारादिक त्रण पो सहने विपे तो देशथी उच्चारतां प्रायः शरीरसत्कारादिकना सावद्यव्यापार थायज ने तेमाटे तेनो देसथी नचार कर वो निषेध कस्यो . वली शिष्य पूछे ले के निरवद्य देह सत्कारादिक करतां शो दोप ? तेने गुरु उत्तर कहे ने के शरीरनी शोजाना लोन माटे निषेध ने, सामा यिकवंतने शरीरनी शोना करवी घटे नहीं. अने आहार न करे तो शक्ति मंद थाय ते शक्तिना मंदपणाथी धर्म अनुष्टाननो निर्वाह न थाय. तेमा टे साधुनी पेठे आहार करवो कह्यो ने श्रीअावश्यकचूर्णिमांहे पोषधव्रतने अधिकारें कर्तुं . यतः ॥ तंसनिकरिजा, वतो अजोवन्निसमणधम्मो ॥ देसावगासियं पुण । जुत्तो सामाइएणं वा ॥१॥ निशिथनाष्येऽप्युक्तं ॥ पौष धिनमाश्रित्य दिकपि सोनुंजेति निशिथचूर्णों वा॥जांचनदिकमंतं,कम सामान विनुंजइति ॥२॥ इदं च पोषधसहितं सामायिंकापेक्यैव संनाव्यते॥ नावार्थः-धर्मनी शक्ति प्रमाणेकरी तपस्या प्रमुख करे एवो साधुनोधर्म वर्ण व्यो ने.परंतु देशावका शिकवत तो सामायिक नेलुं युक्त . निशिथनाष्यमां पण कह्यु पोषधवालाने याश्रयीने उद्देश्यो आहार ते पण जोजन करे अथ
SR No.010249
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1891
Total Pages477
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size63 MB
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