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________________ 399 जैनकथा रत्नकोप नाग चोथो. देश ते पण महापापनुं कारण के नीचमां नीचपणुं ते वेश्यापणुं बे. माटे हवे एने हुं उत्तर दर्द हमेश मोनपणुं धारण करवं पण केम परवडे ! हवे महाराथी हां केम रहेवाशे अने हुं हवे गुं करूं ? हवे महारी शी गति याशे. एवी कुसुमश्रीने चिंतातुर थयेली जोड़ने वाली वेश्या कहे ने हे व त्से ! तुं तहासं स्वरूप जेम होय तेम सम्यक्प्रकारें मुजने संजलाव्य. तेवा रें कुसुमश्री विचार जे वेश्याने यथास्थित वात न कहेवी एवं विमा सीने कल्पित बात कहेवा लागी ते या प्रमाणे: वसंतपुर व देवसेन शेठ महारो पिता रहे वे ने वसंत एवे नामे महारा नत्तरिनी सायें हुं वहाण नपर चढी हती ते कर्मना योगथी व हाण नांग्युं तिहां मुजने मत्स्यें गली एवी वात सांजलीने कपटनेविषे मा ही एव ते वेश्या नेत्रां त्र्यांसु जावती बोली जे एवं कष्ट महारा वैरीने पण महोजो एम अंतःकरणमा हर्ष पामती जाणे हवे महारा मन वांठि कार्यनी सिद्धि इ. देवयोगथ। एनो धणी पण मूवो हशे अने ए मुजने समांथी जी ने एम द्वं लोकोने कहीश एम चिंतवती पोताना परिवा र सहित कुसुमश्रीनुं चित्त वश करवा लागी एकदा वेश्या हर्ष धरतीय की कुसुमश्रीने कलेवा लागी के हे मृगादि ! तुं श्रारण वस्त्र प्रमुख सर्व गणिकाना वेशनो अंगीकार करस्थ. त्र्यने या यौवनावस्थाने सफन कर. एवां प्रक्काना वचन सांजलीने कुसुमश्री विचारती हवी के या ठेका णे महारुं शील ते केम रहेशे ? कारण के चंमालना पाडामां रहिने पवि रहे ते केम बनी शके ? हजी जरतारनी तथा सुडानी मूत्र्या जीव्या नी कांई खबर पड़ी थी ते देवना योगथी सारी खबर पामुं एटलासारं कालक्षेप करवो जोड़ो माटे एने कालविलंबनो उत्तर करूं कारण के विलंब सर्व गुन संपदा याशे जरतार पण मलशे अने सूडो पण मलशे एम वि चारी कल्पना करीने वेश्याने कहती हवी के हे माताजी ! अमारा कुलनी एवीरीत ने के जरतार ! मूवा पठी उ महिना पर्यंत पंखीजने चूणो ना वो ने वली दान देवं तेवार पढ़ी जेम तमे कदेशो तेम करीश एमक थके वेश्या हर्ष पामीथकी सर्व दाननी सामग्री तथा चूणानी सामग्री तेने कापी ते लइ कुसुमश्री वेश्याना घरनी अगासीमां शानिप्रमुख काना ढगला करती हवी. ते कपना समूह देखीने मयूर काक शुक कों
SR No.010249
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1891
Total Pages477
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size63 MB
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