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जैन ज्योतिर्लोक
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तथैव माघ मास में सूर्य जत्र अन्तिम गलो में रहता हैं तब १२ मुहूर्त का दिन एवं १८ मुहूर्त की रात्रि होती है ।
दक्षिणायन एवं उत्तरायण
श्रावण कृष्णा प्रतिपदा के दिन जब सूर्य अभ्यंतर मार्ग (गली) में रहता है, तब दक्षिणायन का प्रारंभ होता है एवं जब १८४ वीं ( अन्तिम गली) में पहुंचता है तब उत्तरायण का प्रारम्भ होता है । अतएव ६ महिने में दक्षिणायन एवं ६ महिने में उत्तरायण होता है ।
जब दोनों ही सूर्य अन्तिम गली में पहुंचते हैं तब दोनों सूर्यो का परस्पर में अन्तर अर्थात् एक सूर्य से दूसरे सूर्य के बीच का अन्तराल—१००६६० योजन (४०२६४०००० मोल) का रहता है। अर्थात् जंबूद्वीप १ लाख योजन है तथा लवण समुद्र में सूर्य का गमन क्षेत्र ३३० योजन है उसे दोनों तरफ का लेकर मिलाने पर १०००००+३३०+३३०=१००६६० योजन होता है। अंतिम गली से अंतिम गली का यही अंतर है ।
एक मुहूर्त में सूर्य के गमन का प्रमाण
जब सूर्य प्रथम गली में रहता है तब एक मुहूर्त में ५२५१३६ योजन ( २१००५४३३ ३ मील) गमन करता है । ग्रर्थात्