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- २४२ उस तरह अनुकंपा धारण कर वै विचारे अशजनोंको उद्धार करने के लिये सुज्ञ सज्जनोंकी मुख्य फर्ज है.
પ વાલ્યાવસ્થાસિંહો નૈન વોટlો ( )જીयक शिक्षण देनेके वास्ते माता पितादि गुरुजनोंकी सबसे पहिली फर्ज है. अनुभवसे सिद्ध होता है कि, यदि जैन बालकोंको पहिलेसही विकश्वर होती हुइ बुद्धिक पसत बोजारूप न हो पडे पैसा योय नीतिका अच्छा शिक्षण दिया जाय, तो लायक उमर होनसें वही पालक उत्तम मावापका बिरुद धारन करके अपने और दूसरोंका बने वहांतकका सुधारा करने में न चुकेंगे, पास्ते उस तर्फ खसूस ध्यान देनाही मुनासीब है.
बाल्यावस्थामें योग्य नीतिका शिक्षण लेनेमें बेनशीब रहे __ हुवे अपने जैन युवकों को धर्मतत्त्व सम्बार समझानेके वास्ते भी
अच्छा बंदोबस्त ताकीदीसें करदेनेकी खास जरुरत है. विकसित बुद्धिवाल युवकाका यदि न्याय युतिक साथ पवित्र धर्मतत्त्व समझानेमें आवे तो वै तुरंत समझ लेके सुलभतासे स्वीकार कर लेते हैं. बुद्धिहीन वैसा नहीं कर सकते हैं वैसा समझकर जैन युवकोंकों शासनोन्नतिकी खातिर तत्त्वशिक्षण देनेके वास्ते योन्य बंदोबस्त करनेकी जरुरत है. जैसे अशिक्षित या कुशिक्षित युवकोंकों मज
चूत लाभ देने वाले विवेकी सज्जनोंको विचार करने की खास ___ आवश्यकता है.
૭ વાલ્યાવસ્થા ગીર ચૌવનાવસ્થા દ્વાર ધર્મ શિક્ષણ